जयपुर न्यूज डेस्क: प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय ने अब बड़े और छोटे मंदिरों में परोसे जाने वाले भोग और प्रसाद की जांच करने का फैसला किया है। पहले आयुक्तालय पैक्ड फूड में खतरनाक रसायनों की जांच करने से परहेज करता था, लेकिन अब वह मंदिरों में दिए जाने वाले भोग और प्रसाद में भी सुरक्षा की जांच करेगा ताकि श्रद्धालुओं की सेहत को कोई खतरा न हो। यह कदम खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिल सके।
राज्य के प्रमुख मंदिरों में सवामणि और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों की जांच के लिए 23 से 26 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान मंदिरों में बनने वाले प्रसाद और सवामणि में उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिल सके। यह अभियान मंदिरों में भोग लगाने की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
राज्य के 54 प्रमुख मंदिरों को 'ईट राइट' प्रमाण पत्र देने की तैयारी है, जो उन्हें भोग की गुणवत्ता के लिए मानकों का पालन करने का प्रमाण देगा। यह प्रमाण पत्र खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक है।
इस प्रमाण पत्र से मंदिरों में परोसे जाने वाले प्रसाद और सवामणि की गुणवत्ता में सुधार होगा और श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिलेगा। यह पहल राज्य में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम होगा।