'चालान पेश होते ही जयपुर हेरिटेज मेयर को हटाएगी सरकार': यूडीएच मंत्री बोले- दो महीने के लिए कार्यवाहक महापौर बनेगा; मुनेश पर रिश्वत लेने का आरोप

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Posted On:Monday, September 9, 2024

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा- नगर निगम जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी गई है. अब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा चालान पेश करने के तुरंत बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया जाएगा. मंत्री खर्रा सोमवार को सरकारी आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे. यूडीएच मंत्री ने कहा- सरकार मुनेश गुर्जर को पद से हटाकर मौजूदा पार्षदों में से किसी एक को अस्थायी तौर पर 60 दिन के लिए मेयर का कार्यभार सौंपेगी. जिस वर्ग के लिए मेयर का पद आरक्षित है, उसी वर्ग के पार्षद को कार्यवाहक मेयर बनाया जाएगा।

हेरिटेज में कांग्रेस का बोर्ड है तो क्या कांग्रेस के किसी पार्षद को प्रभार दिया जा सकता है? इस पर मंत्री ने कहा- सरकार जिस पार्षद को उचित समझेगी उसे मेयर का प्रभार देगी। वहीं, 60 दिनों के बाद कार्यवाहक मेयर का प्रभार बढ़ाया जाएगा या चुनाव होंगे, यह राज्य निर्वाचन आयोग तय करेगा. इससे पहले एसीबी के पत्र के 4 महीने बाद सरकार ने नगर निगम जयपुर हैरिटेज मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी है. यूडीएच सचिव ने मुकदमा चलाने की मंजूरी के आदेश जारी कर दिए हैं. एसीबी स्वीकृत पत्र को कोर्ट में पेश करेगी.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को अभियोजन स्वीकृति फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए थे. इसके बाद फाइल पर सीएमओ में उच्च अधिकारियों ने चर्चा की। आखिरकार सरकार ने मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया. अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद एसीबी मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश करेगी. दरअसल, मेयर मुनेश के खिलाफ मुकदमा चलाने पर हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को डीएलबी से पूछा था कि विभाग ने अब तक निर्णय क्यों नहीं लिया। 9 सितंबर को निदेशक उपस्थित हुए और जवाब मांगा. इससे एक दिन पहले डीएलबी की ओर से मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की गई थी.

हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

एसीबी ने दलाल अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया. इसके बाद जांच में मुनेश गुर्जर की भूमिका सामने आई है. एसीबी ने गुर्जर के खिलाफ अपराध प्रमाणित मानते हुए 1 मई 2024 को अभियोजन स्वीकृति के लिए फाइल सरकार को भेजी थी. इस मामले में लंबे समय से अभियोजन स्वीकृति पर फैसले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को नाराजगी जताई थी. मामले में कोर्ट ने 9 सितंबर को डीएलबी निदेशक को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था। पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत यह प्रावधान है कि अभियोजन स्वीकृति से संबंधित मामलों का फैसला 4 माह के भीतर किया जाना चाहिए, लेकिन यह अवधि पूरी होने के बाद भी डीएलबी विभाग अभी तक हेरिटेज के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पर कोई निर्णय नहीं ले पाया है। मेयर व अन्य ने नहीं लिया

आज जवाब दाखिल किया जा सकता है

बताया जा रहा है कि मुकदमा चलाने का फैसला मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर जाने से पहले ही ले लिया गया था. अब उनके लौटने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा. डीएलबी सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर सकती है। अभियोजन की मंजूरी एसीबी को जाएगी और एसीबी इस पर आगे की कार्रवाई करेगी.


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