ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन पवनपुत्र श्री हनुमान की पूजा आराधना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान हनुमान की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और उपवास भी रखते हैं ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिव स्वरूप हनुमान की आराधना करता है उसके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं ऐसे में आज के दिन हनुमान पूजन के बाद हनुमान बाहुक का पाठ करना भी बेहद लाभकारी माना जाता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है हनुमान बाहुक पाठ।

हनुमान बाहुक पाठ—
श्रीगणेशाय नमः
श्रीजानकीवल्लभो विजयते
श्रीमद्-गोस्वामी-तुलसीदास-कृत
छप्पय
सिंधु-तरन, सिय-सोच-हरन, रबि-बाल-बरन तनु ।
भुज बिसाल, मूरति कराल कालहुको काल जनु ।।
गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव ।
जातुधान-बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव ।।
कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट ।
गुन-गनत, नमत, सुमिरत, जपत समन सकल-संकट-विकट ।।१।।
स्वर्न-सैल-संकास कोटि-रबि-तरुन-तेज-घन ।
उर बिसाल भुज-दंड चंड नख-बज्र बज्र-तन ।।
पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन ।
कपिस केस, करकस लँगूर, खल-दल बल भानन ।।
कह तुलसिदास बस जासु उर मारुतसुत मूरति बिकट ।
संताप पाप तेहि पुरुष पहिं सपनेहुँ नहिं आवत निकट ।।२।।