ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: दोस्तों, बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना के लिए बेहद ही खास और शुभ होता हैं इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा आराधना करते हैं और उपवास भी रखते हैं । शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि, जो भक्त आज के दिन सच्चे मन और पूरी निष्ठा भाव गणपति आराधना करता है उसके जीवन के कष्टों का निवारण होता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं संपूर्ण गणेश रक्षा स्तोत्रम पाठ।

श्री गणेश रक्षा स्तोत्रम—
जयगणेशजयगणेशजयगणेशपाहिमाम,
जयगणेशजयगणेशजयगणेशरक्षमाम।।
मुदाकरात्तमोदकंसदाविमुक्तिसाधकं,
कलाधरावतंसकंविलासिलोकरक्षकम्।
अनायकैकनायकंविनाशितेभदैत्यकं,
नताशुभाशुनाशकंनमामितंविनायकम्।।१।।
नतेतरातिभीकरंनवोदितार्कभास्वरं,
नमत्सुरारिनिर्जरंनताधिकापदुद्धरम्।
सुरेश्वरंनिधीश्वरंगजेश्वरंगणेश्वरं,
महेश्वरंतमाश्रयेपरात्परंनिरन्तरम्।।२।।
समस्तलोकशंकरंनिरस्तदैत्यकुञ्जरं,
दरेतरोदरंवरंवरेभवक्त्रमक्षरम्,
कृपाकरंक्षमाकरंमुदाकरंयशस्करं,
मनस्करंनमस्कृतांनमस्करोमिभास्वरम्।।३।।
अकिंचनार्तिमार्जनंचिरन्तनोक्तिभाजनं,
पुरारिपूर्वनन्दनंसुरारिगर्वचर्वणम्।
प्रपञ्चनाशभीषणंधनंजयादिभूषणम्,
कपोलदानवारणंभजेपुराणवारणम्।।४।।
नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं,
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम्।
हृदन्तरेनिरन्तरंवसन्तमेवयोगिनां,
तमेकदन्तमेवतंविचिन्तयामिसन्ततम्।।५।।
महागणेशपञ्चरत्नमादरेणयोऽन्वहं,
प्रजल्पतिप्रभातकेहृदिस्मरन्गणेश्वरम्।
अरोगतामदोषतांसुसाहितींसुपुत्रतां,
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैतिसोऽचिरात्।।६।।