ज्योतिष समाचार डेस्क: हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का अधिक महत्व है, इसे मोहिनी एकादशी कहते हैं, इस बार गुरुवार पड़ने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. इस दिन संसार के स्वामी भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और कथा सुनने से हजार गायों का दान करने जैसा फल मिलता है, इसलिए आज हम आपको मोहिनी एकादशी व्रत की विधि और पूजा के बारे में बताएंगे. अगर आप ऐसा कहते हैं तो हमें बताएं।

मोहिनी एकादशी व्रत का समय-
मोहिनी एकादशी की तिथि- इस दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी क्योंकि 12 मई को उदय तिथि है.
मोहिनी एकादशी तिथि प्रारंभ - 11 मई 2022 शाम 7.31 बजे
मोहिनी एकादशी 12 मई 2022 को शाम 6.51 बजे समाप्त हो रही है।
मोहिनी एकादशी व्रत का समय- 13 मई सुबह 7.59 बजे से।

पूजा की पूरी विधि-
मोहिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्वच्छ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए मन्नत बनाएं, फिर पूजा घर में भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें पीले फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत आदि चढ़ाएं, इसके बाद प्रसाद में मिठाई के साथ। , तुलसी की दाल पर चढ़ना चाहिए फिर घी का दीपक जलाकर श्री विष्णु के मंत्र, चालीसा और कथा का पाठ करें, अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और गलती के लिए क्षमा मांगें।

जानिए महत्व-
मोहिनी एकादशी के बारे में यह माना जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है वह सभी प्रकार के मोहों से मुक्त हो जाता है। स्नान आदि करके श्री हरि विष्णु की पूजा करें। इसके साथ भगवान विष्णु को पीले चंदन के अलावा जौ का भोग लगाएं।