मुंबई, 06 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उसकी अनुमति के बिना सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी मामले में तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन पर कोई नई FIR नहीं होगी। इसके अलावा CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने उदयनिधि के सुनवाई में उपस्थित रहने से छूट का अंतरिम आदेश भी बढ़ा दिया। उदयनिधि ने 2023 के मामले में दायर कई FIR को एक साथ मिलाकर तमिलनाडु में ही एक मामला चलाने की याचिका दायर की थी। इसी पर गुरुवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने 2 सितंबर, 2023 को चेन्नई के एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना, मलेरिया और डेंगू से करते हुए इसे खत्म करने की बात कही थी।
आपको बता दें, उदयनिधि ने अपने बयान पर माफी मांगने से इनकार कर दिया था। 7 सितंबर को चेन्नई में एक इवेंट में उन्होंने कहा कि मैंने सनातन को लेकर वही बातें कहीं, जो पेरियार, अन्नादुराई और करुणानिधि भी कहते थे। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। तमिलनाडु समेत देशभर में कई कोर्ट केस भी हुए। मुझे माफी मांगने के लिए भी कहा गया, लेकिन मैं कलैगनार (कला के विद्वान) का पोता हूं। मैं माफी नहीं मांगूंगा। उदयनिधि ने कहा- मेरी टिप्पणियों का उद्देश्य महिलाओं के प्रति दमनकारी प्रथाओं के बारे में बताना था। हिंदू धर्म में महिलाओं को पढ़ने की अनुमति नहीं थी। वे अपने घर से बाहर नहीं जा सकती थीं और अगर उनके पति मर जाएं तो उन्हें भी मरना पड़ता था। पेरियार ने इन सबके खिलाफ आवाज उठाई थी।