गुरुवार, 27 फरवरी 2025 की सुबह-सुबह असम के मोरीगांव जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5.0 मापी गई, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। हालांकि, सुबह-सुबह होने की वजह से कुछ लोगों को इसका एहसास भी नहीं हुआ।
भूकंप का केंद्र और लगातार झटके
भूकंप के झटकों से एक बार फिर धरती हिल गई है। पिछले एक महीने में यह 20वीं बार हुआ है जब भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। असम के इस भूकंप का केंद्र मोरीगांव जिले में 16 किलोमीटर की गहराई में था। असम को भारत के सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में से एक माना जाता है, जहां नियमित रूप से इस तरह की गतिविधियां देखी जाती हैं।
बंगाल की खाड़ी में भूकंप का असर
इससे एक दिन पहले बंगाल की खाड़ी में भी भूकंप आया था, जिसके झटके कोलकाता और आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। हालांकि, इस घटना में किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं आई। इससे पहले मेरठ, दिल्ली-एनसीआर और कई अन्य राज्यों में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे।
दिल्ली-एनसीआर में सबसे तेज भूकंप
हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में भी 5.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जो काफी तेज था। इसका केंद्र धौलाकुआं क्षेत्र में था, जिससे झटकों की तीव्रता अधिक महसूस हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसा लगा जैसे धरती अचानक झूले की तरह हिलने लगी हो।
भूकंप के प्रभाव और एहतियात
भारत के कई हिस्सों में बार-बार आ रहे भूकंप चिंता का विषय बन गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन घटनाओं की निरंतरता संकेत देती है कि देश के कुछ हिस्से भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील होते जा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां भूकंप से निपटने के लिए विशेष तैयारी कर रही हैं। नागरिकों को भी भूकंप के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। जैसे ही कोई झटका महसूस हो, तुरंत खुले स्थान पर जाना चाहिए और मजबूत संरचनाओं से दूर रहना चाहिए।
भारत में लगातार आ रहे भूकंपों को देखते हुए विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में और भी बड़े झटके महसूस किए जा सकते हैं। ऐसे में सरकार और आम जनता को मिलकर आपदा प्रबंधन पर ध्यान देने की जरूरत है।