आज हम आपको 11 फरवरी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण ये देश और दुनिया के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया । बता दें कि, दक्षिण अफ़्रीका में रंग-भेद की नीतियों के ख़िलाफ़ आंदोलन चला रहे नेल्सन मंडेला को 27 साल की क़ैद के बाद 11 फरवरी 1990 को ही रिहाई मिली थी । इसके आगे बता दें कि, मंडेला को जून 1964 में राजद्रोह और साजिश का दोषी ठहराते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई थी ।
तो चलिए आज हम आपको बता दे कि इस दिन की और भी खासियत ।
11 फरवरी 1847 को ही अमेरिका के महान आविष्कारक थॉमस एडिसन का जन्म हुआ था इसके साथ ही बता दें कि, एडिसन के नाम पर अकेले एवं संयुक्त रूप से 1093 पेटेंट हैं, जो अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है।
11 फरवरी 1933 को ही गांधी जी के साप्ताहिक प्रकाशन 'हरिजन' का पहला अंक पुणे से प्रकाशित किया गया था ।
11 फरवरी 1956 को ही ब्रिटेन के दो राजनयिक जो पांच वर्ष पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे, सोवियत संघ में दोबारा दिखे ।
11 फरवरी 1963 को ही साल 1962 के भारत-चीन युद्ध से पहले सोवियत संघ ने भारत को 12 मिग लड़ाकू विमान देने का जो वादा किया था, उसकी पहली खेप के तौर पर चार विमान बम्बई पहुंचे थे ।
11 फरवरी 1975 को ही एडवर्ड हीथ के स्थान पर मार्गेरेट थैचर को ब्रिटेन की कंज़र्वेटिव पार्टी की नेता चुना गया था ।
11 फरवरी 1977 के दिन ही देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का निधन हुआ था ।
11 फरवरी 1979 को ही आयतुल्लाह खामेनी के समर्थकों ने ईरान की राजधानी तेहरान पर कब्जा किया था ।
11 फरवरी 1997 को ही भारतीय खगोल भौतिकविद् जयंत वी नार्लीकर को यूनेस्को के 'कलिंग पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था । आपको बता दें कि, उनको यह पुरस्कार वर्ष 1996 के लिए दिया गया।
11 फरवरी 2003 के दिन इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने विश्वकप का अपना मैच खेलने से इंकार कर दिया क्योंकि वह जिम्बाब्वे में खेला जाने वाला था ।
11 फरवरी 2011 को ही मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने 30 वर्ष तक सत्ता में रहने के बाद भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पद छोड़ा।