15 December history in hindi : लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आज के दिन ली अंतिम सांस

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Posted On:Thursday, December 15, 2022

भारत रत्न से सम्मानित सरदार वल्लभभाई पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली। देश की एकता में उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात में नर्मदा नदी के पास उनकी एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। इतिहास के झरोखे में आज यानी 15 दिसंबर को कई ऐतिहासिक घटनाएं होती दिख रही हैं। देश और दुनिया के इतिहास में 15 दिसंबर की दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

15 दिसंबर 1749 के दिन यानी आज के दिन ही शिवाजी महाराज के पोते साहू जी का निधन हुआ था ।

15 दिसंबर 1803 के दिन यानी आज के दिन ही भोंसले और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई देवगांव संधि के तहत उड़ीसा और कटक कंपनी के शासन के अधीन हुए थें ।

15 दिसंबर 1950 के दिन यानी आज के दिन ही योजना आयोग की स्थापना हुई थी ।

15 दिसंबर 1953 के दिन यानी आज के दिन ही भारत की एस विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा के आठवें सत्र की अध्यक्ष चुनी गईं. इस पद पर पहुंची वह पहली महिला थीं ।

15 दिसंबर 1965 के दिन यानी आज के दिन ही बांग्लादेश में गंगा नदी के तट पर आये चक्रवात में करीब 15,000 लोगों की जान गई थी ।

15 दिसंबर 1976 के दिन यानी आज के दिन ही भारत के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया का सिक्किम में जन्म हुआ था ।

15 दिसंबर 1982 के दिन यानी आज के दिन ही स्पेन ने जिब्राल्टर की सीमा को खोल दिया. स्पेन की नयी सोशलिस्ट सरकार ने मानवीय आधार पर आधी रात को यह दरवाजे खोलकर स्पेन और जिब्राल्टर के लोगों के बीच की दीवार को खत्म कर दिया था ।

15 दिसंबर 1991 के दिन यानी आज के दिन ही मशहूर फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को सिनेमा की दुनिया में उनके अहम योगदान के लिए ‘स्पेशल ऑस्कर’ सम्मान दिया गया था ।

15 दिसंबर 1997 के दिन यानी आज के दिन ही जैनेट रोसेनबर्ग जैगन गुयाना की राष्ट्रपति चुनी गईं. वह देश की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति होने के साथ ही गुयाना की पहली श्वेत राष्ट्रपति थीं ।

15 दिसंबर 1997 के दिन यानी आज के दिन ही अरुंधति रॉय ने ‘बुकर पुरस्कार’ जीता. उन्हें उनके उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार के लिए चुना गया था ।

15 दिसंबर 2001 के दिन यानी आज के दिन ही पीसा की झुकती मीनार को 10 वर्ष बाद फिर से खोला गया. दरअसल इस इमारत के ढांचे को ठीक और मजबूत करने के लिए इसे बंद कर दिया गया था ।

15 दिसंबर 2011 के दिन यानी आज के दिन ही इराक युद्ध का औपचारिक अंत. अमेरिका ने देश में अपना अभियान समाप्त करने का ऐलान किया था ।


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