दोस्तों, हिंदू पंचांग का तीसरा माह ज्येष्ठ माह होता है जो कि कुछ ही दिनों के बाद में शुरू होने जा रहा है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्षेट माह 17 मई 2022 से शुरू होगा जो कि 14 जून तक रहेगा । आज हम आपको इस महिने में पडने वाले तीज और त्योहार की जानकारी दे रहे हैं तो आपको बता दें कि, इस महिने में वट सावित्री व्रत, शनि जंयती, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी आदि समेत कई अहम तीज-त्योहार आएंगे जिनको आप अपने पूरे परिवार के साथ मना सकते हैं ।
आपको बता दें कि, ज्योतिषाचार्यों ने बताया है कि, इस माह को आखिर ज्येष्ठ क्यों कहा गया हैं तो चलिए आपको बता दें कि, इस महीने के आखिरी दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है और इस माह के स्वामी मंगलदेव होते हैं । इस माह के बारे में ऐसी मान्यता है कि, इस महीने में जो भी व्यक्ति जल का अनादर करता हैं उनको वरूण दोष लगता हैं तेा आप सभी को सलाह दी जाती है कि आप सभी इस महिने यानी ज्येष्ट माह में पानी की वर्वादी बिल्कुल भी ना करें ।
जानिए, क्या करें और क्या न करें—
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का बड़ा महत्व बताया गया हैं । इस माह में कुछ जरूरी नियमों का पालन अनिवार्य भी आवश्यक हैं जैसे कि, ज्येष्ठ माह में दिन में नहीं सोना चाहिए, जहां तक संभव हो दिन में एक बार ही अन्न ग्रहण करें । इसके अलावा इस महिने में जो लोग दिन में सोते हैं उनको पूरे साल शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । इसके अलावा आपको बता दें कि, इस महिने में आपको ऐसा भोजन करना चाहिए जिससे आपके शरीर में वात रोग और गर्मी ना बढें ।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आपको ज्येष्ठ माह में सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अर्घ्य यानी पानी चढ़ाना चाहिए । इस माह में जल दान करना काफी शुभ माना जाता हैं । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में तिल का दान करना चाहिए जिससे कि भगवान विष्णु प्रसन्न हो सके और आपको हर मुराद पूरी करें । तिल का दान करने से शरीर से जुड़ी सभी परेशानियां का अंत हो जाता हैं । इसके अलावा आपको बता दें कि, ज्येष्ठ माह के स्वामी मंगलदेव होते हैं। इसलिए इस दौरान हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है । यदि आप इस महिने में हनुमानजी की पूजा करते हैं तो आपको हर परेशानी से छुटकारा मिलेगा । आपको इस महिने में हर मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करना होगा ।