इस बात को हर कोई जानता हैं कि, हर महिला भगवान शिव की पूजा करती हैं और हर कंवारी लड़की भी भगवान शिव की पूजा करती हैं । बता दें कि, भगवान शिव को संहारक होने के कारण पूजा जाता हैं । ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव पूजा से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को बहुत ही जल्द उनकी पूजा का फल दे देते हैं और यहीं कारण हैं कि, भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है । ऐसा भी कहा जाता हैं कि, भगवान शिव सभी मोह माया और आडम्बर से दूर रहते हैं, इसलिए शिव पूजन में भांग, धतूरा, बेल पत्र, चंदन का पेस्ट , भस्म, कच्चे दूध आदि का उपयोग किया जाता हैं । ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के पूजन में किसी भी महंगी सामग्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और मुख्य रूप से कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके सेवन से बचना चाहिए और एक ऐसी ही चीज हैं हल्दी । मान्यताओं के अनुसार, शिव पूजन में हल्दी का इस्तेमाल करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं और ऐसा करने से आपको पूजा का पूर्ण फल भी नहीं मिलता हैं । ऐसे में अब आपको बता दें कि, आखिर शिव पूजन और शिवलिंग पर हल्दी का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए ।
आपको बता दें कि, ऐसी मान्यता है कि हल्दी का सीधा संबंध महिलाओं की खूबसूरती से होता हैं और इसका उपयोग कई कपंनियां ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी करती हैं और यहीं कारण है कि, भगवान शिव को हल्दी पसंद नहीं होती है । दरअसल, शास्त्रों में शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी महिलाओं की खूबसूरती को दिखाती है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, शिवलिंग भगवान शिव की शक्ति, योनि और ऊर्जा का प्रतीक है । चूंकि लिंग शिव जी की शक्ति है सूचक है इसलिए उनका पूजन भांग, धतूरा, कच्चा दूध, चंदन आदि ठंडी चीजों से किया जाता है और हल्दी की तासिर गर्म होती हैं जिसके कारण शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढानी चाहिए ।
आपको बता दें कि, शिवलिंग और शिव पूजन में हल्दी का इस्तेमाल वर्जित है लेकिन मान्यता है कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है क्योंकि ऐसा माना गया है कि, शिवलिंग दो भागों से मिलकर बना होता है । एक भाग में तो भगवान शिव का प्रतीक और दूसरें भाग में जलाधारी माता पार्वती या शक्ति का प्रतीक होता हैं । इसलिए जलधारी के एक हिस्से में हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
जानें,शिव पूजन में हल्दी के अलावा इन चीजों का इस्तेमाल भी है वर्जित
पुराणों के अनुसार शिव पूजन में हल्दी के अलावा सिंदूर, तुलसी की पत्तियों, शंख आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं । दरअसल, शिव जी को सिंदूर इसलिए नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि सिंदूर महिलाओं के सुहाग का प्रतीक होता हैं और शिव जी वैरागी माने जाते हैं ।