7 सितंबर को भारत में साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण देश के सभी राज्यों में दिखाई भी देगा। चंद्र ग्रहण वैसे तो एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिषियों की दृष्टि से भी इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे भी, इस चंद्र ग्रहण पर 100 साल बाद पितृ पक्ष पड़ रहा है।
इस बार पूर्णिमा ग्रहण लगेगा, जो शनि की राशि कुंभ और बृहस्पति के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लगने जा रहा है। साल 2025 के आखिरी चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, किस समय होगा और इसका समय क्या होगा। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
7 सितंबर को भारत में इस समय लगेगा चंद्र ग्रहण
सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि पर चंद्र ग्रहण का यह रहेगा प्रभाव
ज्योतिष की दृष्टि से 7 सितंबर यानी कल लगने वाला चंद्र ग्रहण बेहद ख़तरनाक माना जा रहा है क्योंकि जब भी कोई चंद्र ग्रहण लगता है, उसका असर देश-दुनिया पर 3 महीने पहले और 3 महीने बाद तक दिखाई देता है।
7 सितंबर की रात को लगने वाला चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। वैसे, 7 सितंबर यानी कल रात 8:59 बजे चंद्रमा पर हल्की छाया पड़नी शुरू हो जाएगी। इसे चंद्र ग्रहण की उपछाया कहते हैं। लेकिन, सूतक काल इसके अनुसार नहीं, बल्कि गहरी छाया पड़ने से 9 घंटे पहले माना जाता है।
चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर को सुबह 1:26 बजे समाप्त होगा। ग्रहण के सबसे महत्वपूर्ण और चरम समय की बात करें तो यह रात 11:42 बजे अपने चरम पर होगा। अर्थात, भारत में संपूर्ण ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट होगी।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
चूँकि 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण रात्रि 9:58 बजे लग रहा है, इसलिए इसका समय 9 घंटे पहले, यानी दोपहर 12:57 बजे होगा।
यह चंद्र ग्रहण कहाँ दिखाई देगा?
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसके अलावा, यह चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका, फ़िजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति क्या होगी?
7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण राहु के नक्षत्र शतभिषा में शुरू होगा और बृहस्पति के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में समाप्त होगा। इस दिन सूर्य, शनि और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है। इस दिन दो ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे। चंद्र ग्रहण में राहु और चंद्रमा एक साथ होते हैं। इस बार ग्रहण रविवार को है, इसलिए सूर्य भी प्रवेश कर रहा है, क्योंकि रविवार सूर्य देव का दिन है। साथ ही, यह वर्ष मंगल का वर्ष है, इसलिए मंगल भी आ गया है। जिस दिन यह ग्रहण लग रहा है, वह तिथि है और उस तिथि का मूलांक 7 है जो केतु का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
एक ज्योतिषी के अनुसार, 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का भारत की राजनीति और प्रशासन पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, ज्योतिष में पूर्णिमा ग्रहण को विशेष माना जाता है, क्योंकि इस समय प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर पहाड़ी इलाकों में बाढ़, भारी बारिश और तबाही मचने की संभावना रहती है। इसका असर लोगों और जानवरों दोनों के जीवन पर पड़ेगा।
सूतक के दौरान क्या न करें
शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक के दौरान खाने-पीने से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार का नकारात्मक कार्य करना वर्जित माना गया है। इस दौरान आध्यात्मिक चिंतन, मनन, रामचरितमानस का पाठ और शिव मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान बचे हुए भोजन में तुलसी का पत्ता अवश्य डालें।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
1. चंद्र ग्रहण के दौरान केवल भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए, जो दस गुना फलदायी माने जाते हैं। 2. चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करें और गरीबों को दान दें, मंदिर जाकर पंडितों को वस्त्र दान करें और दक्षिणा दें। 3. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को भोजन, जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है।