मुंबई, 23 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को रविवार को 5 हफ्ते बाद हॉस्पिटल डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल की बालकनी से समर्थकों को धन्यवाद कहा। 88 साल के पोप को फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। साथ ही प्लेटलेट्स की कमी का भी पता चला था। हॉस्पिटल से निकलने के बाद पोप वेटिकन सिटी में स्थित कासा सांता मार्टा के अपने घर वापस लौटेंगे। शनिवार को उनकी मेडिकल टीम के प्रमुख ने कहा कि फ्रांसिस को वेटिकन लौटने के बाद दो महीने और आराम की जरूरत होगी। शनिवार को पोप के डॉक्टरों ने कहा कि इलाज के दौरान दो मौकों पर उनकी जान जाने का खतरा था, लेकिन फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
वेटिकन के कार्डिनल विक्टर मैनुअल फर्नांडीज ने शुक्रवार को बताया था कि पोप फ्रांसिस धीरे-धीरे अपनी ताकत हासिल कर रहे हैं, लेकिन लंबे वक्त तक हाई फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी की वजह से उन्हें फिर बोलना सीखना पड़ेगा। हाई फ्लो ऑक्सीजन की वजह से कई बार इंसान का मुंह और गला सूख जाता है, जिससे बोलने में दिक्कत होती है। इसके अलावा हाई फ्लो ऑक्सीजन से सांस लेने में दिक्कत या सीने में दर्द जैसी समस्या हो सकती है। वेटिकन के मुताबिक इलाज के दौरान भी पोप हॉस्पिटल के काम कर रहे थे। इससे पहले भी पोप फ्रांसिस 2021 में डायवर्टीकुलिटिस और फिर 2023 में हर्निया की सर्जरी की वजह से भी हॉस्पिटल जाना पड़ा था।