जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मैचों को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। प्रदेश में IPL मैचों का आयोजन खेल परिषद के नेतृत्व में ही होगा। एडहॉक कमेटी के सदस्य और हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर ने इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने राजस्थान में IPL के आयोजन की जिम्मेदारी खेल परिषद को सौंपी है, जिसे सभी को स्वीकार करना होगा।
इससे पहले राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की एडहॉक कमेटी ने खुद के नेतृत्व में IPL करवाने की मांग की थी। 10 फरवरी को RCA की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी ने खेल विभाग के सचिव नीरज कुमार पवन को पत्र लिखकर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को एडहॉक कमेटी को सौंपने की मांग की थी। लेकिन 19 फरवरी तक स्टेडियम का नियंत्रण खेल परिषद ने नहीं सौंपा, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले की शिकायत करने की बात कही थी।
धनंजय सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान में IPL मैचों का आयोजन प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है। इस सीजन में राजस्थान में 7 मैच खेले जाने हैं, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ये सभी मुकाबले प्रदेश में ही हों। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि सिर्फ जयपुर ही नहीं, बल्कि जोधपुर के बरकतुल्लाह खां स्टेडियम में भी IPL मैच कराए जाने चाहिए, जिससे क्रिकेट प्रेमियों को अधिक मुकाबले देखने का मौका मिले।
राजस्थान रॉयल्स टीम ने इस साल के IPL ऑक्शन में 40.7 करोड़ रुपये खर्च कर 14 नए खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया। राजस्थान रॉयल्स के स्क्वॉड में कुल 20 खिलाड़ी हैं, जिनमें 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा गया। यह खरीदारी काफी चर्चा में रही, क्योंकि इतनी कम उम्र में किसी खिलाड़ी को इतनी बड़ी रकम में साइन किया जाना दुर्लभ है।
अब जब राजस्थान में IPL आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है, प्रशासन पूरी तैयारियों में जुट गया है। खेल परिषद और BCCI मिलकर मैचों की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देंगे। वहीं, RCA की एडहॉक कमेटी के विरोध के बावजूद सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार IPL का आयोजन खेल परिषद की निगरानी में ही होगा।