जयपुर न्यूज डेस्क: अब शहर में घरों और प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कचरे की छंटाई की जाएगी और उसका पुनः उपयोग (री-साइक्लिंग) किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने एक निजी कंपनी को वर्क ऑर्डर दिया है। लांगडियावास में एक मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) प्लांट बन रहा है, जहां कचरे की छंटाई और निस्तारण किया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इस प्रक्रिया की शुरुआत अप्रैल में होगी, जब कंपनी कचरा संग्रहण का काम शुरू करेगी।
इस परियोजना के तहत, होटल, रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों से सूखा कचरा इकट्ठा किया जाएगा। कंपनी रोजाना 300 मैट्रिक टन कचरा संग्रहित करेगी और उसे प्लांट तक ले जाने का खर्च भी कंपनी खुद उठाएगी। इसके अलावा, कचरा संग्रहण के लिए होटल और प्रतिष्ठानों से शुल्क भी लिया जाएगा। कचरे की छंटाई के बाद, रिसायकल किए जाने योग्य कचरे को अलग किया जाएगा और जलने योग्य कचरे को सीमेंट प्लांट भेजा जाएगा।
इस प्लांट की लागत करीब 13.5 करोड़ रुपए है, जिसमें से लगभग 10 करोड़ रुपए नगर निगम द्वारा प्रदान किए जा रहे हैं। प्लांट के निर्माण के बाद, कचरा संग्रहण और परिवहन का काम निजी कंपनी करेगी। इससे नगर निगम को हर महीने 30 लाख रुपए की बचत होगी, क्योंकि 100 टन कचरे के परिवहन का खर्च कम हो जाएगा। कंपनी अगले 15 साल तक कचरा संग्रहण की प्रक्रिया करेगी।
यह कदम न केवल शहर के कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को बचाने और कचरे के सही तरीके से निस्तारण में भी मदद करेगा। इस परियोजना के लागू होने से शहर में कचरे की छंटाई और पुनः उपयोग की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदूषण कम होगा और कचरे का प्रभावी प्रबंधन होगा।