जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर में बढ़ते अपराधों और स्टंट वीडियो बनाने के लिए किराए पर गाड़ियां लेने वालों पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। एडिशनल कमिश्नर कानून-व्यवस्था डॉ. रामेश्वर सिंह ने सोमवार को आदेश जारी किया, जिसमें बिना लाइसेंस के सेल्फ-ड्राइविंग वाहन किराए पर देने पर रोक लगाई गई। अब से केवल लाइसेंस प्राप्त टैक्सी वाहनों को ही किराए पर दिया जा सकेगा, और इनका लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा। लाइसेंस की वैधता खत्म होने से पहले नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, जयपुर में अब से निजी वाहनों को किराए पर देने पर पाबंदी लगाई गई है। यह कदम शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है, क्योंकि कई बार बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस वाले वाहनों का इस्तेमाल अपराधों में किया जा चुका है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य हब्स में प्राइवेट नंबर प्लेट वाली गाड़ियां किराए पर दी जा रही थीं, जिनका इस्तेमाल कई आपराधिक घटनाओं में हुआ है।
अभी तक बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के यह कारोबार चल रहा था, लेकिन हाल ही में हुई कुछ आपराधिक घटनाओं ने पुलिस को इस पर शिकंजा कसने के लिए मजबूर किया। इन घटनाओं में हत्या, लूट और मादक पदार्थों का परिवहन जैसी वारदातें शामिल हैं, जो किराए पर ली गई गाड़ियों के माध्यम से अंजाम दी गई थीं। अब पुलिस ने इन गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के कोई भी वाहन नहीं चल सकेगा।
डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि जयपुर कमिश्नरेट में हाल में की गई कार्रवाई के दौरान पाया गया कि कई थार और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियां बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के किराए पर दी जा रही थीं। उन्होंने यह भी बताया कि कई मामलों में नाबालिगों को भी पैसे देकर गाड़ियां किराए पर दी जा रही थीं, और ये वाहन लापरवाही से चलाए जा रहे थे। अब इस नए आदेश के बाद ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।