यूटिलिटी न्यूज़ डेस्क !!! आपको अपने बैंक से कोई शिकायत है, आपने शिकायत की है। यदि कोई आपसे इस शिकायत को जल्द से जल्द निपटाने के लिए आरबीआई के नाम से पैसे मांग रहा है। मामला धोखाधड़ी का है। इस बात की जानकारी खुद भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने दी है। आरबीआई का कहना है कि उसकी एकीकृत लोकपाल योजना 2021 के बारे में सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाई जा रही है। केंद्रीय बैंक के तहत काम करने वाले संस्थानों के खिलाफ की गई शिकायतों के त्वरित निपटान या शिकायत दर्ज कराने में मदद के नाम पर पैसे की मांग की जा रही है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और गैर-बैंक प्रणाली प्रतिभागी शामिल हैं।
उसने विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए किसी संस्थान की नियुक्ति नहीं की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने एकीकृत लोकपाल योजना के तहत एक मुफ्त शिकायत निवारण तंत्र बनाया है, जिसमें किसी भी रूप या तरीके से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
ग्राहकों को सेवाओं में कमी के लिए विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कोई शिकायत है, वे सीधे शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर ई-मेल करके या सीधे सीआरपीसी में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक नई सेवा शुरू की, जिसके माध्यम से 400 मिलियन से अधिक फीचर फोन या सामान्य मोबाइल फोन उपयोगकर्ता सुरक्षित तरीके से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। वे 'यूपीआई 123पे' नाम से शुरू की गई इस सेवा के जरिए डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और यह सेवा सामान्य फोन पर काम करेगी।
अब तक यूपीआई की सेवाएं मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ही उपलब्ध हैं, जिससे समाज के निचले तबके के लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसा होता है। वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक यूपीआई लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 41 लाख करोड़ रुपये था।