मुंबई, 29 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे ऑफिस के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में अर्थिंग में खामी की वजह से करंट फैला था। मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। चमोली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि STP प्लांट की व्यवस्था बिजली मानकों के मुताबिक नहीं थी। STP का रखरखाव करने वाली दो कंपनियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने पर इन कंपनियों को ब्लेकलिस्ट करने की सिफारिश की गई है।
दरअसल, 19 जुलाई को हुए इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 7 लोग घायल हुए थे। इस हादसे में 22 लोग करंट की चपेट में आए थे। वही, न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अलकनंदा नदी के पास ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट के बाद करंट फैलने से लोगों की जान गई। भास्कर को चमोली के DSP ने बताया कि हादसे की जगह पर लोहे की फेंसिंग में करंट फैलने से मौतें हुईं। साथ ही कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत एक साइट पर काम चल रहा था। यहां अचानक करंट फैल गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 19 जुलाई को चमोली पहुंचकर घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की थी। उन्होंने हादसे में मरने वालों के परिजन को 5 लाख और घायलों को 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था।