मुंबई, 07 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कर्नाटक सरकार ने अपना बजट पेश किया। इसमें सरकार ने मुस्लिमों के लिए करीब 4700 करोड़ रुपए की योजनाओं की घोषणा की है। इसके बाद राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। बजट में मस्जिद के इमाम को 6 हजार रुपए मासिक भत्ता, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़ रुपए, उर्दू स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपए और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। साथ ही लोक निर्माण विभाग में 4% ठेकेदारी मुस्लिम समुदाय के लिए रिजर्व करने की घोषणा की है। इस पर भाजपा प्रवक्ता अनिल एंटनी ने कहा, यह बजट उनके नए आइकॉन औरंगजेब से प्रेरित लगता है। कांग्रेस मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग की तरह बनती जा रही है। कर्नाटक सरकार कांग्रेस के तुष्टिकरण की पोस्टर बॉय बनती जा रही है। एंटनी ने पूछा कि क्या कर्नाटक में अल्पसंख्यक समुदाय का मतलब केवल मुस्लिम हैं। कर्नाटक भाजपा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कर्नाटक सरकार के बजट को हलाल बजट बताया। भाजपा ने कहा कि बजट से SC, ST और OBC को कुछ नहीं मिला।
वहीं, भाजपा IT सेल चीफ अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में लिखा, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। भारत में कांग्रेस की यह साजिश सफल नहीं होगी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि सिद्धारमैया सरकार उसी नीति पर काम कर रही है। इस बजट के जरिए SC, ST और OBC को कमजोर किया जा रहा है। 9 दिसंबर 2006 को पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, महिलाओं और पिछड़ों का होना चाहिए। साथ ही, भाजपा सांसद पीसी मोहन ने सोशल मीडिया पर मुसलमानों के लिए बजट प्रोविजन की लिस्ट के साथ एक नारियल के खोल की तस्वीर शेयर की। इसके माध्यम से वे यह दिखाना चाहते है कि हिंदू समुदाय को कुछ नहीं मिला।