भारत में ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जैसे-जैसे देश में शादी-ब्याह और त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है, सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे में जो लोग सोने में निवेश करने या ज्वेलरी खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह सही समय हो सकता है। इस लेख में हम 8 मई 2025 को सोने और चांदी की कीमतों की ताजा स्थिति पर चर्चा करेंगे और यह भी समझेंगे कि इस बदलाव के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
सोने और चांदी की ताजा कीमतें
हाल ही में, 8 मई को भारत में सोने की कीमत में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सुबह 6:20 बजे के आसपास MCX गोल्ड इंडेक्स पर सोने की कीमत 97,051 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि चांदी की कीमत 95,730 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसके अलावा, इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 97,380 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 89,265 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
दिलचस्प बात यह है कि 7 मई को सोने की कीमत में 500 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कीमतों में तेजी जारी है। वहीं, 6 मई को 24 कैरेट सोने का भाव 9,846 रुपये प्रति ग्राम था, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव 9,025 रुपये प्रति ग्राम था।
भारत के प्रमुख शहरों में सोने और चांदी की कीमतें
भारत के प्रमुख शहरों में सोने और चांदी की कीमतें कुछ इस प्रकार हैं:
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मुंबई:
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सोने की कीमत: 94,430 रुपये प्रति 10 ग्राम
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चांदी की कीमत: 96,524 रुपये प्रति किलोग्राम
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चेन्नई:
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सोने की कीमत: 94,750 रुपये प्रति 10 ग्राम
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चांदी की कीमत: 95,460 रुपये प्रति किलोग्राम
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नई दिल्ली:
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सोने की कीमत: 94,260 रुपये प्रति 10 ग्राम
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चांदी की कीमत: 94,960 रुपये प्रति किलोग्राम
सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमतें बढ़ रही हैं
भारत में सोने की कीमतों में बदलाव के कारणों को समझने के लिए, हमें वैश्विक बाजार की स्थिति पर भी ध्यान देना होगा। हाल ही में यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति के हवाले से अपनी ब्याज दरों को स्थिर रखा। यह निर्णय विशेषज्ञों के अनुमानों के अनुसार था और इससे सोने के दामों में गिरावट की उम्मीदें कम हो गईं। इसके बावजूद, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और इजरायल-गाजा संघर्ष जैसे भू-राजनीतिक घटनाक्रमों ने सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी का कारण बनाया है।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और वैश्विक अस्थिरता के चलते, निवेशकों के लिए सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में उभरकर आया है। ऐसे में सोने की मांग बढ़ी है, जिससे कीमतें ऊपर जा रही हैं।
सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण
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भू-राजनीतिक घटनाक्रम:
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, इजरायल-गाजा संघर्ष और अन्य वैश्विक घटनाओं ने सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूत किया है। इन अस्थिर घटनाओं के कारण निवेशकों ने सोने में अधिक निवेश किया, जिससे कीमतों में वृद्धि हो रही है।
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मुद्रास्फीति और ब्याज दरें:
यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है। इसके चलते सोने के दाम और भी अधिक बढ़े हैं क्योंकि लोग अपने धन को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं।
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त्योहारों और शादी-ब्याह का मौसम:
भारत में शादी-ब्याह और त्योहारों का मौसम आने वाला है, जिसके कारण सोने की मांग बढ़ रही है। लोग ज्वेलरी खरीदने और निवेश करने के लिए सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
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वैश्विक आपूर्ति संकट:
सोने की आपूर्ति और मांग में असंतुलन भी कीमतों को प्रभावित कर रहा है। कोरोना महामारी के बाद, वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर प्रभाव पड़ा था, जिससे सोने की आपूर्ति में कमी आई थी, और यह भी कीमतों को बढ़ाने का एक कारण बन गया।
क्या करें जब सोने की कीमतें बढ़ रही हों?
अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है, लेकिन आपको बाजार की अस्थिरता और भविष्य में कीमतों में होने वाली और बढ़ोतरी या गिरावट को समझने की आवश्यकता है। यदि आप ज्वेलरी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पहले कीमतों की समीक्षा करना और एक अच्छी योजना बनाना फायदेमंद हो सकता है।
निष्कर्ष
भारत में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोने की कीमतों में हो रही वृद्धि एक बड़ी आर्थिक घटना का हिस्सा है। वैश्विक घटनाओं, मुद्रास्फीति, और अन्य कारकों के कारण सोने और चांदी की कीमतों में बदलाव देखा जा रहा है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं या ज्वेलरी खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो इस समय को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना फायदेमंद हो सकता है।