शहर की स्थापना से भी पुराना है जयपुर का यह शिव मंदिर, सावन में लगती है कतार

जयपुर शहर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इससे आप समझ सकते हैं कि बहुत कुछ है जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। भगवान शिव को समर्पित ताड़केश्वर महादेव का मंदिर इन विरासत स्थलों में शामिल है। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी खास बातें...
जयपुर शहर से भी पुराना है ये शिव मंदिर%3A Tarkeshwar Mahadev Temple Jaipur  Rajasthan » Pixaimages
यहां एक प्राचीन मंदिर स्थित है
ताड़केश्वर महादेव का ऐतिहासिक मंदिर जयपुर शहर के चौड़ा रास्ता क्षेत्र में बाजार के मध्य में स्थित है। इस मंदिर की वास्तुकला में राजस्थानी वास्तुकला और स्थानीय संस्कृति की झलक मिलती है।
तारकेश्वर महादेव, जयपुर — Gandhi Path, Moti Nagar, Nityanand Nagar,  Vaishali Nagar, Jaipur, Rajasthan 302021, भारत, फ़ोन 082337 13441
यह शिवलिंग शहर से भी पुराना है
जयपुर की स्थापना वर्ष 1727 में हुई थी। इस शहर की स्थापना आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने की थी और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जयपुर रखा गया। स्थापना के समय जयपुर का नाम जयपर था जो बाद में जयपुर हो गया। कहा जाता है कि जयपुर की स्थापना से भी पहले यहां शिवलिंग स्थापित था।
जयपुर शहर की स्थापना से पहले बसे हैं बाबा 'ताडकऩाथ', ताड़ के वृक्ष होने से  कहलाए 'ताडक़ेश्वर महादेव' |Tarkeshwar Mahadev Temple in Jaipur | Patrika  News
इस प्रकार उनका नाम ताड़केश्वर पड़ा
कहा जाता है कि जहां ताड़केश्वर महादेव मंदिर स्थित है, वहां कभी बड़ी संख्या में ताड़ के पेड़ हुआ करते थे। एक बार अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के व्यास सांगानेर जाते समय कुछ देर के लिए यहां रुके थे। इसीलिए उन्होंने सबसे पहले यहीं स्थित शिवलिंग के दर्शन किये।
जयपुर शहर की स्थापना से पहले बसे हैं बाबा 'ताडकऩाथ', ताड़ के वृक्ष होने से  कहलाए 'ताडक़ेश्वर महादेव' |Tarkeshwar Mahadev Temple in Jaipur | Patrika  News
इस तरह मंदिर का निर्माण हुआ
ताड़केश्वर महादेव मंदिर का वर्तमान स्वरूप जयपुर शहर की स्थापना के समय बनाया गया था। पहले यहां स्वयंभू शिवलिंग के लिए एक छोटा सा मंदिर बनाया गया था। जयपुर रिसायत के वास्तुकार विद्याधरजी ने इस मंदिर की रूपरेखा तैयार की।
Tarkeshwar Mahadev Ji Temple
यहां स्वयंभू शिवलिंग है
जानकारी के मुताबिक, ताड़केश्वर महादेव मंदिर को पहले ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है। अर्थात् वे स्वतः ही प्रकट हो गये। इसे किसी ने स्थापित नहीं किया.
जयपुर शहर की स्थापना से पहले बसे हैं बाबा 'ताडकऩाथ', ताड़ के वृक्ष होने से  कहलाए 'ताडक़ेश्वर महादेव' |Tarkeshwar Mahadev Temple in Jaipur | Patrika  News
स्थानीय निवासियों की गहरी आस्था है
जयपुरवासियों की ताड़केश्वर महादेव में गहरी आस्था है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां अपनी श्रद्धा के अनुसार शिवलिंग का अभिषेक करते हैं या भगवान शिव की जलहरी में दूध और घी भरते हैं।
Tarkeshwar Mahadev in Moti Nagar,Jaipur - Best Temples in Jaipur - Justdial
लंबी कतारें हैं
वैसे तो इस शिव मंदिर में पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन के महीने में यहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए लंबी कतार लगती है। सावन सोमवार की सुबह तीन बजे से ही भक्तों की कतार लग गयी. ताकि मंदिर खुलते ही शिवलिंग का अभिषेक किया जा सके।

Posted On:Monday, July 17, 2023


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